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Showing posts from April, 2018

आ रही रवि की सवारी कविता ।। हरिवंशराय बच्चन।।

आ रही रवि की सवारी। नव-किरण का रथ सजा है, कलि-कुसुम से पथ सजा है, बादलों-से  अनुचरों ने स्‍वर्ण की पोशाक धारी। आ रही रवि की सवारी। विहग, बंदी और चारण, गा रही है कीर्ति-गायन, छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फ़ौज सारी। आ रही रवि की सवारी। चाहता, उछलूँ विजय कह, पर ठिठकता देखकर यह- रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी। आ रही रवि की सवारी। ✍हरिवंशराय बच्चन

जो बीत गई सो बात गयी कविता ।। हरिवंशराय बच्चन।।

जो बीत गई सो बात गई जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोक मनाता है जो बीत गई सो बात गई जीवन में वह था एक कुसुम थे उसपर नित्य निछावर तुम वह सूख गया तो सूख गया मधुवन की छाती को देखो सूखी कितनी इसकी कलियाँ मुर्झाई कितनी वल्लरियाँ जो मुर्झाई फिर कहाँ खिली पर बोलो सूखे फूलों पर कब मधुवन शोर मचाता है जो बीत गई सो बात गई जीवन में मधु का प्याला था तुमने तन मन दे डाला था वह टूट गया तो टूट गया मदिरालय का आँगन देखो कितने प्याले हिल जाते हैं गिर मिट्टी में मिल जाते हैं जो गिरते हैं कब उठतें हैं पर बोलो टूटे प्यालों पर कब मदिरालय पछताता है जो बीत गई सो बात गई मृदु मिटटी के हैं बने हुए मधु घट फूटा ही करते हैं लघु जीवन लेकर आए हैं प्याले टूटा ही करते हैं फिर भी मदिरालय के अन्दर मधु के घट हैं मधु प्याले हैं जो मादकता के मारे हैं वे मधु लूटा ही करते हैं वह कच्चा पीने वाला है जिसकी ममता घट प्यालों पर जो सच्च

मुझ से चाँद कहा करता हैं कविता।।हरिवंशराय बच्चन।।

मुझ से चाँद कहा करता है-- चोट कड़ी है काल प्रबल की, उसकी मुस्कानों से हल्की, राजमहल कितने सपनों का पल में नित्य ढहा करता है| मुझ से चाँद कहा करता है-- तू तो है लघु मानव केवल, पृथ्वी-तल का वासी निर्बल, तारों का असमर्थ अश्रु भी नभ से नित्य बहा करता है। मुझ से चाँद कहा करता है-- तू अपने दुख में चिल्लाता, आँखो देखी बात बताता, तेरे दुख से कहीं कठिन दुख यह जग मौन सहा करता है। मुझ से चाँद कहा करता है-- ✍हरिवंशराय बच्चन

पथ की पहचान ।।पूर्व चलने के बटोही।।हरिवंश राय बच्चन।।

पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी, हाल इसका ज्ञात होता है न औरों की ज़बानी, अनगिनत राही गए इस राह से, उनका पता क्या, पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी, यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है, खोल इसका अर्थ, पंथी, पंथ का अनुमान कर ले। पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले। है अनिश्चित किस जगह पर सरित, गिरि, गह्वर मिलेंगे, है अनिश्चित किस जगह पर बाग वन सुंदर मिलेंगे, किस जगह यात्रा ख़तम हो जाएगी, यह भी अनिश्चित, है अनिश्चित कब सुमन, कब कंटकों के शर मिलेंगे कौन सहसा छूट जाएँगे, मिलेंगे कौन सहसा, आ पड़े कुछ भी, रुकेगा तू न, ऐसी आन कर ले। पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले। कौन कहता है कि स्वप्नों को न आने दे हृदय में, देखते सब हैं इन्हें अपनी उमर, अपने समय में, और तू कर यत्न भी तो, मिल नहीं सकती सफलता, ये उदय होते लिए कुछ ध्येय नयनों के निलय में, किन्तु जग के पंथ पर यदि, स्वप्न दो तो सत्य दो सौ, स्वप्न पर ही मुग्ध मत हो, सत्य का भी ज्ञान कर ले। पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले। स्वप्न आता स्वर्ग

मनुष्य की मूर्ति कविता हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखित।

देवलोक से मिट्टी लाकर मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता! रचता मुख जिससे निकली हो वेद-उपनिषद की वर वाणी, काव्य-माधुरी, राग-रागिनी जग-जीवन के हित कल्याणी, हिंस्र जन्तु के दाढ़ युक्त जबड़े-सा पर वह मुख बन जाता! देवलोक से मिट्टी लाकर मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता! रचता कर जो भूमि जोतकर बोएँ, श्यामल शस्य उगाएँ, अमित कला कौशल की निधियाँ संचित कर सुख-शान्ति बढ़ाएँ, हिस्र जन्तु के नख से संयुत पंजे-सा वह कर बन जाता! देवलोक से मिट्टी लाकर मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता! दो पाँवों पर उसे खड़ाकर बाहों को ऊपर उठवाता, स्वर्ग लोक को छू लेने का मानो हो वह ध्येय बनाता, हाथ टेक धरती के ऊपर हाय, नराधम पशु बन जाता! देवलोक से मिट्टी लाकर मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता!    ✍हरिवंशराय बच्चन

एक नया अनुभव कविता।।हरिवंश राय बच्चन।।

मैनें चिड़िया से कहा, मैं तुम पर एक कविता लिखना चाहता हूँ। चिड़िया नें मुझ से पूछा, 'तुम्हारे शब्दों में मेरे परों की रंगीनी है?' मैंने कहा, 'नहीं'। 'तुम्हारे शब्दों में मेरे कंठ का संगीत है?' 'नहीं।' 'तुम्हारे शब्दों में मेरे डैने की उड़ान है?' 'नहीं।' 'जान है?' 'नहीं।' 'तब तुम मुझ पर कविता क्या लिखोगे?' मैनें कहा, 'पर तुमसे मुझे प्यार है' चिड़िया बोली, 'प्यार का शब्दों से क्या सरोकार है?' एक अनुभव हुआ नया। मैं मौन हो गया!    ✍हरिवंशराय बच्चन

है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है? कविता।।हरिवंश राय बच्चन।।

कल्पना के हाथ से कमनीय जो मंदिर बना था भावना के हाथ ने जिसमें वितानों को तना था स्वप्न ने अपने करों से था जिसे रुचि से सँवारा स्वर्ग के दुष्प्राप्य रंगों से, रसों से जो सना था ढह गया वह तो जुटाकर ईंट, पत्थर, कंकड़ों को एक अपनी शांति की कुटिया बनाना कब मना है है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है बादलों के अश्रु से धोया गया नभ-नील नीलम का बनाया था गया मधुपात्र मनमोहक, मनोरम प्रथम ऊषा की किरण की लालिमा-सी लाल मदिरा थी उसी में चमचमाती नव घनों में चंचला सम वह अगर टूटा मिलाकर हाथ की दोनों हथेली एक निर्मल स्रोत से तृष्णा बुझाना कब मना है है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है क्या घड़ी थी, एक भी चिंता नहीं थी पास आई कालिमा तो दूर, छाया भी पलक पर थी न छाई आँख से मस्ती झपकती, बात से मस्ती टपकती थी हँसी ऐसी जिसे सुन बादलों ने शर्म खाई वह गई तो ले गई उल्लास के आधार, माना पर अथिरता पर समय की मुसकराना कब मना है है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है हाय, वे उन्माद के झोंके कि जिनमें राग जागा वैभवों से फेर आँखें गान का वरदान माँगा एक अंतर से ध्वनित हों दूसरे में जो निरंतर

मैं कल रात नहीं रोया था! कविता।। Harivansh Rai Bachchan

मैं कल रात नहीं रोया था दुख सब जीवन के विस्मृत कर, तेरे वक्षस्थल पर सिर धर, तेरी गोदी में चिड़िया के बच्चे-सा छिपकर सोया था! मैं कल रात नहीं रोया था! प्यार-भरे उपवन में घूमा, फल खाए, फूलों को चूमा, कल दुर्दिन का भार न अपने पंखो पर मैंने ढोया था! मैं कल रात नहीं रोया था! आँसू के दाने बरसाकर किन आँखो ने तेरे उर पर ऐसे सपनों के मधुवन का मधुमय बीज, बता, बोया था? मैं कल रात नहीं रोया था! ✍ हरिवंशराय बच्चन

ऐसे मैं मन बहलाता हूँ!कविता।। Harivansh Rai Bachchan।।

सोचा करता बैठ अकेले, गत जीवन के सुख-दुख झेले, दंशनकारी सुधियों से मैं उर के छाले सहलाता हूँ! ऐसे मैं मन बहलाता हूँ! नहीं खोजने जाता मरहम, होकर अपने प्रति अति निर्मम, उर के घावों को आँसू के खारे जल से नहलाता हूँ! ऐसे मैं मन बहलाता हूँ! आह निकल मुख से जाती है, मानव की ही तो छाती है, लाज नहीं मुझको देवों में यदि मैं दुर्बल कहलाता हूँ! ऐसे मैं मन बहलाता हूँ! ✍हरिवंशराय बच्चन

क्षण भर को क्यों प्यार किया था। कविता।। Harivansh Rai Bachchan।।

क्षण भर को क्यों प्यार किया था ? अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर, पलक संपुटों में मदिरा भर तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था? क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ‘यह अधिकार कहाँ से लाया?’ और न कुछ मैं कहने पाया - मेरे अधरों पर निज अधरों का तुमने रख भार दिया था! क्षण भर को क्यों प्यार किया था? वह क्षण अमर हुआ जीवन में, आज राग जो उठता मन में - यह प्रतिध्वनि उसकी जो उर में तुमने भर उद्गार दिया था! क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ✍ हरिवंशराय बच्चन

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती कविता। । Harivansh Rai Bachchan।। the super mazaa ।।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ✍ हरिवंशराय बच्चन

लो दिन बीता लो रात गयी कविता।। Harivansh Rai Bachchan।। the super mazaa ।।

सूरज ढल कर पच्छिम पंहुचा, डूबा, संध्या आई, छाई, सौ संध्या सी वह संध्या थी, क्यों उठते-उठते सोचा था दिन में होगी कुछ बात नई लो दिन बीता, लो रात गई धीमे-धीमे तारे निकले, धीरे-धीरे नभ में फ़ैले, सौ रजनी सी वह रजनी थी, क्यों संध्या को यह सोचा था, निशि में होगी कुछ बात नई, लो दिन बीता, लो रात गई चिडियाँ चहकी, कलियाँ महकी, पूरब से फ़िर सूरज निकला, जैसे होती थी, सुबह हुई, क्यों सोते-सोते सोचा था, होगी प्रात: कुछ बात नई, लो दिन बीता, लो रात गई     ✍हरिवंशराय बच्चन

।।क्या है मेरी बारी में कविता।।हरिवंश राय बच्चन।।The Super Mazaa ।।

क्या है मेरी बारी में। जिसे सींचना था मधुजल से सींचा खारे पानी से, नहीं उपजता कुछ भी ऐसी विधि से जीवन-क्यारी में। क्या है मेरी बारी में। आंसू-जल से सींच-सींचकर बेलि विवश हो बोता हूं, स्रष्टा का क्या अर्थ छिपा है मेरी इस लाचारी में। क्या है मेरी बारी में। टूट पडे मधुऋतु मधुवन में कल ही तो क्या मेरा है, जीवन बीत गया सब मेरा जीने की तैयारी में| क्या है मेरी बारी में ✍ हरिवंशराय बच्चन

अग्निपथ कविता।।हरिवंश राय बच्चन।।The Super Mazaa ।।

वृक्ष हों भले खड़े, हों घने हों बड़े, एक पत्र छाँह भी, माँग मत, माँग मत, माँग मत, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। यह महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु श्वेत रक्त से, लथपथ लथपथ लथपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।      ✍हरिवंश राय बच्चन

कोशिश कर हल निकलेगा कविता।।Harivansh Rai Bachhan Poem।।TheSuperMazaa!

कोशिश कर, हल निकलेगा। आज नही तो, कल निकलेगा। अर्जुन के तीर सा सध, मरूस्थल से भी जल निकलेगा।। मेहनत कर, पौधो को पानी दे, बंजर जमीन से भी फल निकलेगा। ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा। जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को, गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा। कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की, जो है आज थमा थमा सा, चल निकलेगा।।         ✍ हरिवंश राय बच्चन

Top Best Quotes by Confucius in Hindi .

Top Best Quotes by Confucius in Hindi . 1. एक श्रेष्ठ व्यक्ति कथनी में कम ,करनी में ज्यादा होता है. " 2. एक शेर से ज्यादा एक दमनकारी सरकार से डरना चाहिए. " 3. मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूँ , मैं देखता हूँ और याद रखता हूँ, मैं करता हूँ और समझ जाता हूँ. 4. हर एक चीज में खूबसूरती होती है, लेकिन हर कोई उसे नहीं देख पाता. " 5. जो आप खुद नहीं पसंद करते उसे दूसरों पर मत थोपिए. 6. बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है. 7. सफलता पहले से की गयी तयारी पर निर्भर है,और बिना ऐसी तयारी के असफलता निश्चित है. 8. महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है. 9. नफरत करना आसान है, प्रेम करना मुश्किल. चीजें इसी तरह काम करती हैं. सारी अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है,और बुरी चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं. 10. हम तीन तरीकों से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं. पहला, चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है. दूसरा , अनुकरण करके,जो कि सबसे आसान है, और तीसरा अनुभव से ,जो कि सबसे कष्टकारी है. दोस्तो आपको यह पोस्ट कैसा लगा कमेंट करके बताये और पोस्ट अच्छा लगा तो इस

Kabiradas Ke Dohe hindi me meaning ke sath .

Kabiradas Ke Dohe hindi me meaning ke sath . 1. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय। अर्थ : जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है. 2. पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। अर्थ : बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, पर सभी विद्वान न हो सके. कबीर मानते हैं कि यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले, अर्थात प्यार का वास्तविक रूप पहचान ले तो वही सच्चा ज्ञानी होगा. 3. साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय। अर्थ : इस संसार में ऐसे सज्जनों की जरूरत है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है. जो सार्थक को बचा लेंगे और निरर्थक को उड़ा देंगे. 4. तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय, कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय। अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है.

Top Best quotes by Chanakya in Hindi .

Top Best quotes by Chanakya in Hindi . 1. कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए. " 2. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है; और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है. " 3.  भगवान मूर्तियों में नहीं है. आपकी अनुभूति आपका इश्वर है. आत्मा आपका मंदिर है. 4. " अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए. " 5.  इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये. " 6. " शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है. " 7. " जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये. " 8. " किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी

Top Best quotes by Aristotle in Hindi .

Top Best quotes by Aristotle in Hindi . 1.  मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है. " 2. " सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती हैं. " 3. " डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाले दर्द है. " 4. " मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों से होते हैं: मौका, प्रकृति, मजबूरी, आदत, कारण, जुनून, इच्छा. " 5. " कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है. " 6.  बुरे व्यक्ति पश्चाताप से भरे होते हैं. " 7. " अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है. " 8. " कोई भी क्रोधित हो सकता है- यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस की बात नहीं है और यह आसान नहीं है. " 9.  मनुष्य अपनी सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि क़ानून और न्याय ना हों तो वो सबसे खराब बन जाता है. " 10. " संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार. " दोस्तो आप

Top Best Quotes by Amitabh Bachchan in Hindi .

Top Best Quotes by Amitabh Bachchan in Hindi . 1.  मैं अपनी ज़िन्दगी जितना संभव हो उतने स्वाभिक और सामान्य तरीके से व्यतीत कर सकता हूँ करता हूँ. लेकिन अगर दिन रात विवाद मेरे पीछे पड़े रहें तो मैं इसका कुछ नहीं कर सकता. मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि वे किस तरह ये सब करते हैं. मैं दाढ़ी बढ़ता हूँ और वह टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सम्पादकीय में आ जाता है. " 2.  सच कहूँ तो मैं कभी ‘आइकन’, ‘सुपरस्टार’, इत्यदि विश्लेषणों के चक्कर में नहीं पड़ा. मैं हमेशा खुद को एक अभिनेता के रूप में देखता हूँ जो अपनी काबीलियत के अनुसार जितना अच्छा कर सकता है कर रहा है. " 3. प्रिय टीवी मीडिया और मेरे घर के बाहर खड़ी वैन्स, कृपया इतना तनाव मत लीजिये और इतनी कड़ी मेहनत मत कीजिये. " 4.  यह एक रणक्षेत्र है, मेरा शरीर, जिसने बहुत कुछ सहा है. " 5. " मुझे कभी-कभी इस तथ्य से दुःख होता है कि मेरे पास एक पूर्ण और निरोग शरीर नहीं है. " 6.  मैंने बोफोर्स की वजह से राजनीति नहीं छोड़ी. मैंने राजनीती इसलिए छोड़ी क्योंकि मैं तुच्छ राजनीतिक खेल खेलना नहीं खेलना नहीं जानता. मैं तब भी नहीं जानता

Top Best quotes by Bill Gates in Hindi

Top Best quotes by Bill Gates in Hindi . 1.  चाहे वो गूगल हो या एप्पल या फ्री सौफ्टवेयर , हमारे कुछ शानदार प्रतिस्पर्धी हैं जो हमें चौकन्ना रखते हैं . 2. ऐसे लोग हैं जिन्हें पूँजीवाद पसंद नहीं है , और ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पर्सनल कम्प्यूटर्स पसंद नहीं है . पर ऐसा कोई भी नहीं है जिसे पी सी पसंद हो और वो माइक्रोसोफ्ट को पसंद ना करता हो. " 3. आपके सबसे असंतुष्ट कस्टमर आपके सीखने का सबसे बड़ा श्रोत हैं . 4.  सफलता एक घटिया शिक्षक है . यह लोगों में यह सोच विकसित कर देता है कि वो असफल नहीं हो सकते . " 5. जीवन न्याययुक्त नहीं है , इसकी आदत डाल लीजिये . " 6. सफलता की ख़ुशी मानना अच्छा है पर उससे ज़रूरी है अपनी असफलता से सीख लेना . " 7. अगर मैं पहले से कोई अंतिम लक्ष्य बना के चलता तो क्या आपको नहीं लगता है कि मैं उसे सालों पहले पूरा कर चुका होता 8. यदि आप अच्छा बना नहीं सकते तो कम से कम ऐसा करिए कि वो अच्छा दिखे . " 9. यदि जनरल मोटर्स कम्प्यूटर इंडस्ट्री के हिसाब से अपनी प्रौद्योगिकी का विकास करता तो आज हम $25 की कार चला रहे होते जो 1000 माईल्स पर गैलन के हिसा

Top Best quotes by albert Einstein in Hindi .

Top Best quotes by albert Einstein in Hindi . 1.  एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए? " 2.  इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए. " 3. जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की. " 4. " क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है. " 5. " यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी. " 6.  जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता. " 7.  इश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी. " 8. कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिसपर वह उत्पन्न हुई है. " 9.  जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के समान लगता है. जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के समान लगता है. यही सापेक्षता है. 10. " दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य की मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड

Top Best quotes by abraham Lincoln in Hindi

Top Best quotes by abraham Lincoln in Hindi . 1. किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा . " 2. साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं : यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं. " 3. अगर शांती चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए . " 4. शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा ? " 5. हमेशा ध्यान में रखिये की आपका सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्त्वपूर्ण है. " 6. मैं जो भी हूँ , या होने की आशा करता हूँ , उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है . " 7. प्रजातंत्र लोगों की , लोगों के द्वारा , और लोगों के लिए बनायीं गयी सरकार है . " 8.  औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी , डरता हूँ . " 9. " मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं ,जो आपके शत्रु हैं . " दोस्तो आपको यह पोस्ट कैसा लगा कमेंट करके बताये और पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। मिलते हैं एक नए पो

Top Best Apj Abdul Kalam quotes in Hindi.

Top Best Apj Abdul Kalam quotes in Hindi. 1.  " शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का। " 2. " भारत में हम बस मौत, बीमारी, आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं। " 3.  " यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा। " 4.  " अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं। पिता, माता और गुरु। " 5.  " महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं। " 6.  " मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता। " 7.  भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है 8.  अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं। मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शु